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बेनाम शायर💌✍️

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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling

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प्रिय पड़ोसन , आज के इस रोज़ डे पर, एक विशेष संदेश दिल से निकला है, कि तुम छत पर आओ, और मेरी ओर से यह गुलाब स्वीकार करो। जैसे सूरज की किरणें ताजमहल की छांव में बिखरती हैं, वैसे ही मेरे दिल की गहराई से, तुम्हारे लिए यह एक गुलाब निकलता है। अगर तुम उस ऊँचाई तक पहुँच सको, जहाँ हवा भी मीठी बातें कहे, तो तुम्हारे कदमों के नीचे, गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा दूँगा। छत की छांव में, संग बहती ठंडी हवाओं में, तुम्हारे लिए यह गुलाब, मेरे नमन की निशानी बनेगा। तुम आओ, और इस रोज़ डे को हम दोनों मिलकर एक नई याद में बदलें, जहां गुलाब की खुशबू, दिलों के बीच की दूरियाँ मिटा दे। तुम्हारा इंतजार रहेगा, इस प्यारी सी रचना के साथ, जहां हर पंखुड़ी में एक नया ख्वाब, एक नई चाहत होगी। तुम आओगी ना? @kataizaharila
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गुलाब जैसी हो, गुलाब लगती हो, हल्का सा जो मुस्कुरा दो, तो लाजवाब लगती हो पड़ोसन 😍❤️ गुलाब दिवस की शुभकामनाएँ 🌹 🌹 @kataizaharila
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फ़रवरी ने पूछा …जनवरी से कि बताओ …तुम कैसे बीते ? दिल भरा तुम्हारा या रहे रीते के रीते ? प्रेम के इस महीने में, तुम भी मेरा साथ देना नफ़रत से भरे हर शख़्स को “प्रेम”का …गुलाब देना ।। @kataizaharila
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तुम्हारी यादें मेरे ह्रदय के वर्षा वन की गीली मिट्टी पर अपने जोगन पदचिह्नों की स्वच्छंद नृत्य भंगिमा की आकृतियाँ अंकित करते हुए स्नेह गर्भ से असंख्य कोमल भावनाओं के नील कमलों की उत्पत्ति करतीं हैं... @kataizaharila
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चलो माना तुम्हारी आदत है तड़पाना.. लेकिन सोचो अगर कोई मर गया तो... @kataizaharila
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अपने प्रेम को चलो इस बार अमर करने चलते है, तुम ग़र हाथ थामो मेरा तो प्रयागराज चलते है..❤️🌻 @kataizaharila
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"जब मेरी मृत्यु होगी" जब मेरी मृत्यु होगी, तब तुम आओगे, सफेद कपड़े पहने, आंखों में आंसुओं का सागर लिए, हृदय में पश्चाताप का ज्वार उठाते हुए। तुम बोलोगे मेरे बारे में अच्छी-अच्छी बातें, जिन्हें सुनकर मेरी आत्मा भी शायद मुस्कुरा दे। तुम कहोगे, "यह एक अच्छा इंसान था। हमेशा दूसरों के लिए जीता था, अपने दर्द को छुपाकर, दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करता था।" पर मैं सोचूंगा, क्या तुमने कभी उस दर्द को देखा, जो मैंने अपनी आत्मा में छिपा रखा था? क्या तुमने कभी मेरी चुप्पी में चीखें सुनी थीं? जब मेरी मृत्यु होगी, मेरे खून-पसीने से लिखे गए पन्ने तुम्हारे हाथों में होंगे, जिन्हें तुम पढ़ोगे और कहोगे, "यह तो बेहद गहरी बात लिखता था। शायद हम इसे समझ ही नहीं पाए।" पर अब क्या फायदा? अब जब मैं चला गया हूं, तब तुम्हें मेरी कविताएं अमूल्य लगेंगी। जब मेरी मृत्यु होगी, तुम जला रहे होगे मेरी देह को, उस राख को देखकर कहोगे, "यही है इंसान का अंत।" पर तुम शायद भूल जाओगे, कि राख के कणों में भी मेरी भावनाएं हैं, जो तुम्हारे दिल तक पहुंचना चाहती हैं। तुम्हें याद आएगा, कैसे मैंने हर मुश्किल को हंसते-हंसते सहा, कैसे मैंने अपनों की खुशी के लिए अपनी इच्छाओं को जलाया। तुम कहोगे, "काश, हमने उसे समझा होता। काश, हमने उसके दर्द को बांटा होता।" पर ये सब "काश" अब व्यर्थ है। जब मेरी मृत्यु होगी, तो कुछ लोग शायद मेरे नाम को भुला देंगे, मेरे द्वारा किए गए कार्यों को एक धुंधली याद बना देंगे। पर मेरी आत्मा, उन अनसुने शब्दों के साथ तुम्हारे आस-पास मंडराएगी। तुम कहोगे, "वो तो बहादुर था, वो हार मानने वालों में से नहीं था। उसने हर हाल में जिंदगी जी।" पर तुम्हें पता नहीं, मेरे भीतर कितना संघर्ष था, कितना अकेलापन था। जब मेरी मृत्यु होगी, तब शायद कोई बच्चा, मेरी लिखी कविता को पढ़कर प्रेरणा लेगा। शायद मेरी बातें किसी के जीवन में नया प्रकाश लाएंगी। पर मैं वहां नहीं होऊंगा, उस मुस्कान को देखने के लिए। तुम्हारी बातों में सच्चाई होगी, पर वो अधूरी होगी। तुम जानोगे मेरा नाम, पर शायद कभी नहीं जान पाओगे मेरी कहानी। तुम कहोगे, "काश, हमने उसे समय दिया होता। काश, हमने उसके साथ उसकी खामोशी के दर्द को साझा किया होता।" पर ये "काश" मेरे जाने के बाद बस एक पछतावा बनकर रह जाएगा। जब मेरी मृत्यु होगी, मैं उम्मीद करता हूं, कि मेरी कविताएं और मेरे शब्द, तुम्हें एक नए रास्ते पर ले जाएं। मैं चाहता हूं, कि तुम उस समय को पहचानो, जो अभी तुम्हारे पास है। तुम अपने आस-पास के हर दर्द को महसूस करो, हर मुस्कान को सहेजो। क्योंकि जब मेरी मृत्यु होगी, तो यह सब बातें तुम्हारे लिए बस एक कहानी बनकर रह जाएंगी। पर शायद, तुम उस कहानी में अपनी सच्चाई खोज पाओ। मेरा अंत केवल एक शुरुआत होगी। मेरी राख के कण, हवा में उड़ते हुए, तुम्हारे दिल तक पहुंचेंगे, तुमसे कहेंगे, "जियो, हंसो, और समझो। क्योंकि जीवन का हर पल अनमोल है।" जब मेरी मृत्यु होगी, तब शायद तुम्हें एहसास होगा, कि मेरी जिंदगी सिर्फ मेरा नहीं, हम सबका प्रतिबिंब थी। @kataizaharila
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पहले.. मैं तुम्हें देखकर अक्सर सोचा करता था , ये लड़की बिछड़ गई तो मरना पड़ेगा..♥️ और अब.. जो तुम मिल गई हो तो सोचा करता हूँ मुझे तुम्हारे साथ जीने के लिए ख़ुद को ज़िंदा रखना पड़ेगा.. ♥️ @kataizaharila
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तुम्हारी मुस्कान सावन में निकले उस इंद्रधनुष की भाँति है जो सबको पसंद है किंतु किसी के पहुँच में नहीं है। पर सुनो मनदेवी..❣️ मैं वो विस्तृत और विशाल आकाश बनना चाहता हूँ जिसके आगोश में तुम बेफिक्र मुस्करा सको, खिल सको और विचरण कर सको, जैसे माँ गंगा इस विशाल धरा पर। @kataizaharila
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सुनो पड़ोसन महत्व इस बात का नहीं है कि तुम मुझसे प्रेम करोगी या नहीं... महत्व है तो इस बात का कि यदि तुम मेरे अंदर के लेखक से प्रेम कर बैठी, तो मैं तुम्हे सृष्टि के अंत के बाद भी जीवित रख सकता हूं !! @kataizaharila
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🥰 7👍 2
तेरे बिस्तर से उठ जाने के बाद, तकिए से तेरे बाल चुरा लेता था, आज अपने ज़ख्म-ओ-जिगर में उसी रेशम के टांके है..! @kataizaharila
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👍 4🔥 4
सुनो पड़ोसन मुझ जैसे संसार की आसक्तियों में लिप्त जीव के लिए तुम वैकुण्ठ धाम के समान हो...♥️ @kataizaharila
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मैं कुंभ की कार्मिक भूमि हूँ तुम गंगा की अविरल धार प्रिये..!! @kataizaharila
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सुनो पड़ोसन ❤️ लिखने को तो तुम्हारे प्रेम में, मैं सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना कर डालूँ परन्तु तुम मेरे हृदय में उस स्थान पर विराजती हो जहाँ स्वयं ईश्वर का वास है। तुम्हारे लिए मेरा प्रेम सांसारिक नहीं आत्मिक है। इस प्रेम की अनुभूति नैसर्गिक है, अलौकिक है, अद्भुत है। मेरा ये प्रेम पवित्र है, बिल्कुल तुम्हारी आत्मिक मुस्कान की तरह..!! @kataizaharila
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9👍 4
तुमसे ज़्यादा ख़ूबसूरत हैं तुम्हारे ख़्याल छूते हैं हौले से मन को और लब मुस्कुराते हैं @kataizaharila
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जला कर जो राख कर दूं मैं यादों को तेरी.. , तू धुआं बन फिर मेरी सांसों में समाता है.. ❤️ @kataizaharila
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❤‍🔥 11 3
मेरा प्रेम सदा ही गणित में सबसे पिछड़े विद्यार्थी की भाँति रहा अनेकों प्रयासों और जोड़ के नियमों को सीखने के बाद भी प्रश्न के उत्तर में एक और एक जोड़कर कभी दो नहीं बता पाया उसे सदा ही एक और एक "एक" ही लगता रहा। ❤️ @kataizaharila
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👍 9 4👏 3
तुम बस इक बार ज़िद करके तो देखो... पतंग के धागे से चांद को खींच कर ना ले आया तो कहना ! @kataizaharila
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जीवन में एक बार किसी को...पूरी जान का दम निचोड़ कर अपना कहने का...मौका मिल जाए... तो फिर जन्म लेने का मकसद पूरा हो जाता है 🌿🍂 @kataizaharila
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🍂प्रेम शक्ति प्रदर्शन का विषयवस्तु नहीं,,, अपितु,,,समर्पण, निष्ठा और आदर का विषय है...!!!🍂 @kataizaharila
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