बेनाम शायर💌✍️
الذهاب إلى القناة على Telegram
मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling
إظهار المزيد2025 عام في الأرقام

12 770
المشتركون
-924 ساعات
-337 أيام
-7130 أيام
أرشيف المشاركات
Photo unavailableShow in Telegram
कभी तो मैं खुदा को आवाज़ लगाऊं-
और जवाब वो तेरा मिले।
कभी तो मैं जन्नतों का दरवाजा खटखटाऊँ-
और घर वो तेरा निकले।।
@kataizaharila
❤ 6👍 3
Photo unavailableShow in Telegram
किसने कहा कि हम पढ़कर छोड़ देते हैं ,,
जनाब ....
जो पसंद आ जाए ..असल मे ...
हम वो पन्ना मोड़ देते हैं...📄💞
@kataizaharila
❤ 16👍 2
Photo unavailableShow in Telegram
किसी की नादानियों पर दिल हारना स्वाभाविक है... ,
अगर किसी की जिम्मेदारियों को समझते हुए दिल हारो तो क्या बात हो...!!!
@kataizaharila
❤ 8🔥 4👏 2👍 1
न आए लब पे तो काग़ज़ पे लिख दिया जाए..✍️
किसी ख़याल को मायूस क्यों किया जाए ?
@kataizaharila
👍 7💔 2
हम भी इंतजार में हैं अरसे से, कब तक तुम इनकार करोगी
किस रात टूटेगा 'नहीं' का सिलसिला, कब तुम प्यार करोगी।❤️❤️
@kataizaharila
❤🔥 6🥰 4❤ 2👍 1😁 1
तुम्हारी अदा से ज्यादा तुम्हारी मर्यादा का सम्मान करूंगा,
जो दिल में जगह दी है तुमने, उम्रभर उस एहसान का मान करूंगा।
@kataizaharila
❤ 13👍 1
एक पुरुष अपने ह्रदय में जीवन की सबसे अच्छी यादें और सबसे बुरी घटनाओं को सहेजकर रखता है और उसका ज़िक्र उसी स्त्री से करता है
जिसे वो अपना सबकुछ समझकर ह्रदय की गहराइयों से ‘प्रेम ' कर रहा होता है…l ❤️✅
@kataizaharila
❤ 14👍 3
ख्वाहिशों का कत्ल भी दिल के ही टुकड़ों से हुआ होगा,
जब साँस सा जरूरी महबूब जुदा हुआ होगा,
जरा पूछो! उस टूटे हुए दिल से
साँसे रुकी होंगी, या उसका वक्त ठहरा होगा
होठों पर कोई नाम जब आ के रुका होगा
दूर कहीं जब उस नाम सा कोई नाम गूंजा होगा
आंखों में कोई मंजर गहरा हुआ होगा,
सड़क के उस पार जो कोई इश्क़ में गुम हुआ गुजरा होगा
बहे होंगे नगमें इश्क के हवाओं में
जब पांवों को लहरों ने छुआ होगा,
किसी शाम जब यादें यकायक टकराई होंगी
तो कोई चांद भी भीड़ में कहीं बिखरा होगा
कहां बची होगी कोई जमीं नीचे पांवों के
जब साँस सा जरूरी महबूब जुदा हुआ होगा।
❤️
@kataizaharila
👍 4💔 3❤🔥 1❤ 1
Photo unavailableShow in Telegram
प्रेमिकाएं रखती हैं व्रत प्रेमी की नहीं, वरन प्रेम की उम्र बढ़ाने के लिए..!
प्रिय खो भी जाए तो प्रेम रहेगा ताउम्र..
उनके हृदय में..!!❤️
@kataizaharila
❤ 11👍 2🔥 1
Photo unavailableShow in Telegram
ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को.. इन्होंने रात सबको रौशनी दी थी..
किसी को जलाकर खुश होना अलग बात है.. इन्होंने खुद को जलाकर रौशनी की थी..
@kataizaharila
🔥 6👍 2❤ 2
रूप चतुर्दर्शी की तुम्हे क्या शुभकामनाएं दू
तुम तो खुद ही, चौहदवीं का चांद हो....
@kataizaharila
❤ 8
मैं चांद तोड़कर तो लाने से रहा,
वो ज़िद करेगी तो आईना दिखा दूँगा....
@kataizaharila
❤ 6👍 1
मैं नींद में मुस्कुराऊं तुम्हें याद कर ,
तुम साकार हो उठो ब्रह्म मुहूर्त के स्वप्न सा।
😴🧡
@kataizaharila
❤ 10👍 3
दफ़नाने पे भी चैन न मिला, सो जलाने आई है,
शायद इसी सबब से मेरे मज़ार पे अपने महबूब के साथ आई है।
शमा-ए-ग़म का ये आलम कि बुझने का नाम नहीं,
आशिक़ की रूह को फिर से तड़पाने आई है।
@kataizaharila ©
🔥 6❤🔥 2💔 1
🍂तुम पूछते भी क्या...."कैसी हो ..?"
मैं कहती भी क्या....."ठीक हुं ....!"
छोड़ो !
तुम मेरी आंखे तलाश लो...!!!🍂
@kataizaharila
👍 10❤🔥 2
Photo unavailableShow in Telegram
तितलियों का इल्जाम है..
कि मैं फूलों का क़ातिल हुँ......!!
मैंने गुलाबो को..
किताबों में दबा के मारा है.....!!
#smile_please
@muskurate_raho
@kataizaharila
👍 11❤ 3❤🔥 1💔 1
हम भी उड़ाते थे पापा के पैसे, पैसे का महत्व तब पता चला जब ज़िम्मेदारी के कारण दिवाली में घर नहीं जा पाया !
@kataizaharila
😢 14👍 2🔥 1
संकटों के बिना तू खिलेगा नहीं।
जीत कैसे मिले जब तू लड़ेगा ही नहीं।
हौसला तेरा कोई झुका सकता नहीं
सामने तेरे कोई टिक सकता नहीं।
आत्मविश्वास से है तू लबालब भरा,
रोकने से किसी के अब रुकना नहीं।
@kataizaharila ©
❤ 7👍 2
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे किस तरह गिरह ये सुलझे ...
कभी कभी हमलोग कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं हमें लगता है हमारे बीच कुछ भी एक नहीं , कोई मेल ही नहीं हमारा जैसे दो विपरीत दिशाएं हों पर पता नहीं हमारा मन फिर भी उनसे जुड़ता जाता है , सब अलग होकर भी जब हम उनमें गहरे उतरते जाते हैं तो पाते हैं कि कुछ तो समान है जो हमें जोड़ रही है और जब तक हम ये समझते हैं हम एक मजबूत गांठ में बंध चुके होते हैं । उनकी इतनी आदत , उनसे इतनी आसक्ति हो चुकी होती है हमें कि उनके बिना हम खुद को अधूरा महसूस करते हैं और वो पुरानी बात की हम दोनों अलग हैं और कभी साथ नहीं हो सकते हमें वो उस समय बचकानी लगती है।
हम साथ साथ चलते जाते हैं जैसे क्षितिज पर कहीं दो विपरीत दिशाएं मिलती हैं और साझीदार बन जाती हैं।
तू दिन सा है मैं रात आ ना दोनों मिल जायें शामों की तरह
ये मोह मोह के धागे तेरी उंगलियों से जा उलझे...।
@kataizaharila
👍 6❤ 5❤🔥 1
