fa
Feedback
बेनाम शायर💌✍️

बेनाम शायर💌✍️

رفتن به کانال در Telegram

मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling

نمایش بیشتر
2025 سال در اعدادsnowflakes fon
card fon
12 787
مشترکین
-1224 ساعت
-127 روز
-6530 روز
جذب مشترکین
دسامبر '25
دسامبر '25
+57
در 0 کانال‌ها
نوامبر '25
+32
در 0 کانال‌ها
Get PRO
اکتبر '25
+24
در 0 کانال‌ها
Get PRO
سپتامبر '25
+55
در 0 کانال‌ها
Get PRO
اوت '25
+14
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژوئیه '25
+29
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژوئن '25
+39
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مه '25
+63
در 0 کانال‌ها
Get PRO
آوریل '25
+44
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مارس '25
+17
در 0 کانال‌ها
Get PRO
فوریه '25
+22
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژانویه '25
+85
در 0 کانال‌ها
Get PRO
دسامبر '24
+79
در 0 کانال‌ها
Get PRO
نوامبر '24
+81
در 0 کانال‌ها
Get PRO
اکتبر '24
+76
در 0 کانال‌ها
Get PRO
سپتامبر '24
+39
در 0 کانال‌ها
Get PRO
اوت '24
+45
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژوئیه '24
+42
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژوئن '24
+21
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مه '24
+85
در 0 کانال‌ها
Get PRO
آوریل '24
+81
در 1 کانال‌ها
Get PRO
مارس '24
+59
در 1 کانال‌ها
Get PRO
فوریه '24
+38
در 1 کانال‌ها
Get PRO
ژانویه '24
+56
در 1 کانال‌ها
Get PRO
دسامبر '23
+29
در 1 کانال‌ها
Get PRO
نوامبر '23
+22
در 1 کانال‌ها
Get PRO
اکتبر '23
+7 478
در 1 کانال‌ها
Get PRO
سپتامبر '230
در 1 کانال‌ها
Get PRO
اوت '230
در 1 کانال‌ها
Get PRO
ژوئیه '230
در 1 کانال‌ها
Get PRO
ژوئن '23
+2
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مه '23
+24
در 1 کانال‌ها
Get PRO
آوریل '23
+19
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مارس '23
+6
در 0 کانال‌ها
Get PRO
فوریه '23
+104
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژانویه '230
در 0 کانال‌ها
Get PRO
دسامبر '220
در 0 کانال‌ها
Get PRO
نوامبر '220
در 0 کانال‌ها
Get PRO
اکتبر '22
+27
در 0 کانال‌ها
Get PRO
سپتامبر '22
+270
در 0 کانال‌ها
Get PRO
اوت '22
+260
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژوئیه '22
+242
در 0 کانال‌ها
Get PRO
ژوئن '22
+316
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مه '22
+455
در 0 کانال‌ها
Get PRO
آوریل '22
+197
در 0 کانال‌ها
Get PRO
مارس '22
+416
در 0 کانال‌ها
Get PRO
فوریه '22
+10 886
در 0 کانال‌ها
تاریخ
رشد مشترکین
اشارات
کانال‌ها
27 دسامبر0
26 دسامبر0
25 دسامبر+3
24 دسامبر+4
23 دسامبر0
22 دسامبر+2
21 دسامبر+7
20 دسامبر+4
19 دسامبر+4
18 دسامبر+4
17 دسامبر+2
16 دسامبر+13
15 دسامبر+2
14 دسامبر+1
13 دسامبر+4
12 دسامبر0
11 دسامبر0
10 دسامبر+1
09 دسامبر0
08 دسامبر0
07 دسامبر+1
06 دسامبر0
05 دسامبر0
04 دسامبر0
03 دسامبر0
02 دسامبر0
01 دسامبر+5
پست‌های کانال
वो मोगरे का गजरा लगाकर, घर जब आई, ऐसा लगा कि इत्र की शीशी, गिरकर फूट गई है.. @kataizaharila

1 008110

2
मै पैरों मे सर रखकर भी मना लूंगा तुम्हे, बस इतना ख्याल रखना मेरे झुकने पर तुम्हे गुरूर नही मेरा प्रेम महसूस हो। @kataizaharila
3 032
3
हम फिर मिलेंगे या नहीं! इतना बता दो। ताकि तय कर सकूँ मैं कि केवल प्रेम ही करना है मुझे या प्रतीक्षा भी ❤️ @kataizaharila
3 927
4
निगाह उठती है तेरी ओर जब-जब मैं तुझमें अपना सब देखता हूँ हाथ खाली हैं मेरे लकीरों से तो क्या मैं तुझमें अपना रब देखता हूँ ❤️ @kataizaharila
4 517
5
चाहे कहने में सदियों की देरी हो तुम जब कहना, कहना मेरी हो... @kataizaharila
4 591
6
लफ्ज मै कितने भी ............. खूबसूरत लिख दूँ... निखार तो तब आता है जब आप दिल से "उफ्फ" करते है.. 💓💓 @kataizaharila
4 525
7
जिंदगी में तुम्हें ना समझने वाले इंसान से अगर मोहब्बत हो जाए तो समझ लेना बद्दुआ लगी है तुम्हें किसी चाहने वाले की.... @kataizaharila
4 426
8
मेरा प्रेम तुम्हारे लिए घर के बाहर बने स्वास्तिक के निशान जैसा है.. जो तुम्हारे लिए हमेशा मंगल कमाना करता है.. @kataizaharila
4 062
9
मैंने कभी तुम्हारी प्रतीक्षा नहीं की या यूँ कहूँ की मुझे इस राह पर कभी चलना ही नहीं था किंतु जब तुम संयोगवश मेरे समक्ष आए और बहुत ही सहजता से थाम लिया मेरा हाथ फिर स्वयं में विलय कर मुझे खुद सा कर लिया जैसे हमें एक दूसरे की सदियों से प्रतीक्षा हो अब जब थाम ही लिया है इन हथेलियों को तो मेरी कसमसाहट पर भी इन्हें ना छोड़ना मैं लाख प्रयत्न करूँ तुमसे दूर जाने का तुम अपनी बाहों की परिधि में मुझे समेट लेना... @kataizaharila
4 511
10
पूछो ना ये दीवानगी किसके लिए है ये आवारगी किसके लिए है सच कहूं तो मेरे हर सवाल का जवाब तुम हो मैं शायर तेरे दम से मेरी शायरी का हिसाब तुम हो मैं सूफी जिसे मिले हो तुम मजार की तरह मेरे दिल के बगीचे के इकलौते गुलाब तुम हो पूछो ना सुरो मे ये ताजगी किसके लिए है खुदा से भी अब नाराजगी किसके लिए है सच कहूं तो तेरे बिना सब कुछ अंधेरी रात सा है महफिलों का शोर भी गम भरे हालात सा है हां तेरे होंटो पे कन्ही अटकी है जान मेरी आज भी नशा मुझे अपनी पहली मुलाकात सा है बताओ ना चेहरे पे ये हैरानगी किसके लिए है मेरी मोहब्बत की हर बानगी किसके लिए है @kataizaharila
4 117
11
थोड़ा-थोड़ा मिलता रहे, तेरा स्नेह मुझ पर यूँ ही बरसता रहे, जैसे शीतल प्रभात में पत्तों पर ओस उतरती है, वैसे ही तेरी मृदुता मेरे मन पर ठहरती रहे। तेरे स्नेह की हर बूंद में एक शांति है, जो भीतर की हलचल को मौन कर जाती है, जैसे कोई अंजानी प्रार्थना बिना शब्दों के, आत्मा को स्पर्श कर जाती है। ना दूरी मिटे, ना निकटता बढ़े, बस ऐसा ही संतुलन बना रहे, जहाँ न चाह हो, न मोह का बंधन, सिर्फ़ स्नेह का निस्सीम प्रवाह बहता रहे… @kataizaharila
3 493
12
@kataizaharila
@kataizaharila
3 247
13
Jo bhi Krna chahta h is account no pe kr do .. Kya pta apki choti si help kisi ki life bacha le ... ❤️+1
Jo bhi Krna chahta h is account no pe kr do .. Kya pta apki choti si help kisi ki life bacha le ... ❤️
182
14
Image to PDF 20251030 10.32.24.pdf
174
15
नमस्कार, मैं अनिरुद्ध चन्द्रवंशी, उम्र 26 वर्ष, लंबे समय से लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहा हूँ। मैं पिछले कुछ वर्षों से एमपीपीएससी की तैयारी कर रहा था, परंतु स्वास्थ्य कारणों से अब आगे की तैयारी रुक गई है। डॉक्टरों ने अब लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी है। इस उपचार में ऑपरेशन से पहले और बाद का कुल खर्च लगभग ₹40 लाख तक आ रहा है। मेरे पिता सेवानिवृत्त शिक्षक हैं, और इतनी बड़ी राशि परिवार के लिए जुटाना कठिन है। मैं आप सबसे विनम्र निवेदन करता हूँ कि यदि संभव हो तो इस कठिन समय में थोड़ा-सा सहयोग देकर मेरे उपचार में मदद करें। आपका सहयोग मेरे लिए जीवनदान के समान होगा। 🙏 Phone pe no. 9111646337 – अनिरुद्ध चन्द्रवंशी
173
16
एक इत्तेफाक हो, एक रोज तुम साथ हो सफर हो थोड़ी दूर तक का और हाथों में तुम्हारा हाथ हो नज़रें देखकर तुम्हें गाएं गज़ल ज़ुबा खाम
एक इत्तेफाक हो, एक रोज तुम साथ हो सफर हो थोड़ी दूर तक का और हाथों में तुम्हारा हाथ हो नज़रें देखकर तुम्हें गाएं गज़ल ज़ुबा खामोश होकर भी कह जाए मन की हलचल सच कहूँ तो गुजर जाए ये उम्र पर गुजरे न ये सफर। ❤ @kataizaharila
3 890
17
विकल होकर मैं जिधर भी देखता हूँ प्रियतमा मेरे नयन बस तुमको ही हैं ढूंढ़ते रात-दिन गीत तो हैं बहुत स्मृति में मेरे मगर होंठ मेरे बस तुम्हे ही हैं पूछते रात-दिन ❤️ @kataizaharila
3 512
18
सुनो, पारिजात के खिलने से पहले ही याद आ जाती तुम्हारी हर बात, तुम्हारे साथ गुजरे अक्टूबर की कोमल नर्म सांझ, बादलों के आंचल से बाहर झांकता चमकीला चांद, और मेरे उंगलियों में उलझा तुम्हारा प्रगाढ़ हाथ.. सुनो इस बार मिलो तो इतना लिखना कि मैं चांद से लेकर सुबह की भोर, पारिजात के बिखरने तक बस तुम्हें पढ़ता रहूं.. @kataizaharila
3 449