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बेनाम शायर💌✍️

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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling

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2025 سال در اعدادsnowflakes fon
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सुकून मिलता है मुझे तुम्हें ख़ैरियत से देखने पर क्या फ़र्क पड़ता है कि तुम हमारे हो या किसी और के @kataizaharila
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एक प्यारी सी बिंदी...! बिखरी सी....सँवरी सी...ज़ुल्फें...! एक झुमका बहका हुआ... और ! हल्की सी मुस्कान तुम्हारे होंठों पर...!! तुम समझ नहीं आती लेकिन...! कसम से.. मुझे, पसंद बहुत आती हो...!!!❤️💞 @kataizaharila
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उसकी "typing..." पर, खुशी से काँपती मेरी उँगलियाँ.. इश्क़ है, उसकी "New profile pic" को मिनटों तक एकटक झाँकती पलकों की पंखुड़ियाँ.. इश्क़ है, गुफ्तगू करने की अनगिनत ख्वाहिशों के बीच, "online" होकर भी चीखती खामोशियाँ.. इश्क़ है जरा सी आहट पे, फोन पकड़ कर बैठ जाना, वो "notification" की टनटनाती घंटियां.. इश्क़ है ♥️📲💯 @kataizaharila
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15👍 6
...अब जब मुलाक़ात हुई, तो वक़्त थम-सा गया, जैसे घड़ी ने साँस लेना छोड़ दिया हो। वो मुस्कराई—बिलकुल वैसे ही, जैसे पहली बारिश पर धरती मुस्कराती है, उसकी आँखों में वही काजल की गहराई थी, जिसमें मैं एक बार फिर डूब जाना चाहता था। हमारे बीच कोई शब्द नहीं थे— बस चुप्पियों में बीते बरसों की सारी कहानियाँ समा गई थीं। हवा ने मोगरे की ख़ुशबू फिर से उड़ा दी, चाय के प्याले से धुआँ उठ रहा था, और रहमान की एक पुरानी धुन किसी अजनबी की गाड़ी से बहती हुई हम तक पहुँच रही थी। ट्रैफिक फिर रुका था कहीं, लेकिन अब शिकायत नहीं थी— क्योंकि वो पास थी। हम पहाड़ों के नाम भूल चुके थे, बस उस झरने की आवाज़ याद थी जिसके किनारे हम खामोशी से बैठे थे। अब मुलाक़ात सिर्फ़ एक पल नहीं थी, वो एक मुकम्मल मौसम थी— जिसमें हर मुलाक़ात फिर से जी गई थी। @kataizaharila
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उसने बड़े अदब से पूछा- “अगली मुलाक़ात कहाँ होगी?” मैंने कहा आसमानों में,दो बादलों की टक़रार में.. भीनी माटी की ख़ुश्बू में.. खिड़की पे बारिश की बूँदों में.. मोगरे के फूलों में.. अदरक वाली कड़क मीठी चाय से उठते उस धूएँ में.. रहमान के किसी गाने की धून में.. रुके हुए से ट्राफ़िक जाम में.. शर्ट के टूटे हुए बटन में.. गहरे काले काजल में.. पहाड़ों में, बहते झरनों में.. कहीं साहिल तो कहीं किनारों में.. मौसम की बहारों में... @kataizaharila
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मैं पूर्ण ना कर सकूं तुम्हारी अपेक्षाएं तो निःसंकोच विदा ले लेना मुझसे.. मुझे दूरियां दरारों से बेहतर लगती है .. @kataizaharila
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कुछ भी ना मिले मुझे उस शख़्स-से, तो भी चलेगा । बस मेरा होना, उसमें झलकना चाहिए...!!♥️ @kataizaharila
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… और फिर कुछ किताबों ने संभाल लिया उन अकेले रहने वालों को... जो नहीं बता सके अपनी परेशानियां किसी को @kataizaharila
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16👍 6😢 1
पुनर जन्म झूट है प्रिये , हम अनन्तकाल के लिए बिछड़ चूके हैं..😢💔 @kataizaharila
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यूँ तो काफी मिर्च-मसाले हैं इस जिंदगी में.... तुम्हारे बिना जायका फिर भी फीका ही लगता है.. @kataizaharila
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"कभी-कभी हम जिसे प्यार समझते हैं, वो बस किसी की आदत होती है, किसी से घंटों बात करना, उसकी हर बात पर मुस्कुराना, उसके बिना बेचैन हो जाना, ये प्यार नहीं सिर्फ एक ये लगाव है, प्यार तब होता है, जब वक़्त, हालात और दूरियाँ भी उस इंसान को हमारे दिल से हटा नहीं पातीं, इसलिए हर महसूस किया हुआ रिश्ता, ‘इश्क़’ नहीं होता, कुछ बस वक़्त का साथ होते हैं और वक़्त के साथ बिखर जाते हैं.... @kataizaharila
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👍 21 4
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सुनो पड़ोसन..! कुछ उलझा सा हूँ... तुम्हारे लिये झुमके लेने को...!! 😍 हर झुमका बेताब है यहाँ, तुम्हारे कानों को चूमने के लिये...!!! @kataizaharila
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11👍 6
करके इजहार तू फिर ठोकर खाएगा, खयाल रख अपना नहीं तो मर जाएगा। दिमाग से खेलने वाली वो समझदार लड़की, तू दिल से खेलता है हार जाएगा।।💔 @kataizaharila
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👍 8 7💔 2
हर बात तेरी याद दिलाती है, फिर तेरी बेवफ़ाई याद आती है, और तुझे भूलने की जो करता हूँ कोशिश, तू अपनी औक़ात दिखाने फिर से ख़्वाबों में चली आती है। @kataizaharila
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💔 6👍 1 1
उसे बेवफ़ा जो बोलूं तो तौहीन-ए-वफ़ा होगी, वो वफा निभा तो रहे है.. कभी इधर कभी उधर..!! @kataizaharila
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*धारा 308 की हकदार है तुम्हारी आंखे पड़ोसन...! जब भी देखती है घायल कर देती हैं...!! ❤️ * धारा 308 एक ऐसे अपराध को दर्शाती है जिसमें कोई व्यक्ति जान लेने की नीयत से प्रयास करता है, लेकिन हत्या नहीं होती। @kataizaharila
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😁 15🥰 7👍 2
तुम मिलो तो तुमसे न जाने कितनी ही बातें करनी हैं... पर हाँ..उन सब से पहले तुमसे तुम्हारी ही कुछ शिकायतें करनी हैं... @kataizaharila
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12👍 2😁 2
किसी सात्विक मंत्र सा प्रतिध्वनित है.. मेरे मन के मंदिर में तुम्हारा नाम..!! @kataizaharila
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आख़िरी पन्ने पर मैं लिख दूँगा कि 'हम मिल गए', हमारी कहानी में पुनर्जन्म का कोई ज़िक्र ना होगा।। 🧡❤️ @kataizaharila
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12👍 2
🍁 आज फिर लगा दिल अपनी हदें लांघने , आज फिर गया था मंदिर में तुझे मांगने...❤️ @kataizaharila
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