बेनाम शायर💌✍️
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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling
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آرشیو پست ها
मैंने उससे निशानी के तौर पर कुछ मांगा,
.
.
उसने मासूमियत से....
बालों से क्लिप निकाल के मेरी हथेली पर रख दिया !!
@kataizaharila
😁 8🥰 4👍 2
ओ सजनी रे
तुम्हारे माथे पर सजाया गया सिन्दूर... मेरी उम्मीद ख़तम कर सकता है... प्रेम नहीं
@kataizaharila
❤ 9🥰 4👍 2
छुआ था तूने, ये बात सही है,
मगर ठुकराने की रस्म भी निभाई थी,
कंकड़ समझ कर फेंक दिया जिसने,
वो क्या जाने, मेरी क़ीमत खुदा ने बनाई थी।❤️
@kataizaharila
❤ 9🔥 3👍 1
तुमसे मिलने के जो हम बहाने ढूंढते रहे
तेरे होंठों मे रखे इश्क के खज़ाने ढूंढते रहे
तुम छुपा कर बैठे रहे चांद को अपनी हंसी मे
फलक पे अपने यार को हम दीवाने ढूंढते रहे
नया दौर है मोहब्बत का नई जाल साझी है
हम रहे जाहिल तौर तरीके पुराने ढूंढते रहे
@kataizaharila
❤ 5👏 5
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मेरा कंधा अब महसूस करता रहता है तुम्हारी कमी,
एक अर्से से मैंने अपने कंधे पर तुम्हारा सर नहीं देखा..❤️🌻
@kataizaharila
❤ 15👍 7😢 3👏 1
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तुम्हारा नम्बर डिलीट करने से पहले,,
कहीं ना कहीं एक गुंजाइश अभी बाकी थी...!!
डिलीट से पहले नोटिफिकेशन को दो बार पढ़ा मैंने...
DO YOU WANT TO DELETE THIS CONTACT NO. PERMANENTLY...??
महज़ 10 अंक नही, 10 डोरियां थी...एक एक नम्बर से जुड़ी...
एक एहसास की
विश्वास की
दोस्ती की
अपनेपन की
ख्वाब की
ख्याल की
सपनों की
खुशियों की
उम्मीदों की
ख्वाइशों की
फिर OK दबाया और अब तुम शुमार हो गये
UNKNOWN की लिस्ट में 😔
@kataizaharila
👍 21😢 10💔 1
मुहब्बत से जो बिछड़ी वो वफ़ायें शोर करती हैं,
किसी के हिस्से की सारी दुआयें शोर करती हैं,
लहरें खामोश बैठी हैं समन्द्र के किनारे पर,
और ये बेचैन सी पागल हवायें शोर करती हैं,
मुद्दत हुई मुझको दुनिया की महफ़िलें छोड़े,
पर कम्बख्त अब भी यादों की सदायें शोर करती हैं!
@kataizaharila
🔥 10👍 5😢 1
जी मेँ आता हैँ कि इक बार तो चीखूँ ऐसे ,
सारी दुनिया को खबर हो कि मैंनें तुझे खोया हैँ !!
@kataizaharila
❤ 14👍 6😢 6
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एक तो तेरी नजरों की छुअन दूजी फागुन की तरंग
रोम-रोम में दौड़ी सिहरन,ज्यों प्रेम रंग लगने लगा अंग
@kataizaharila
🥰 7👍 3
पता है मुझे ये इश्क़ हमारा, मुकम्मल होगा नहीं
पर ये इश्क़ तुमसे था तो किसी और से होगा नहीं
अकेला था मैं, शायद अकेला ही रह जाऊंगा अब
यादों में तुम हो तो अब साथ कोई और होगा नहीं
हकीक़त ये है कि अब जीना होगा तेरे बगैर, पर
डर ख्यालों का है कि गुज़ारा तेरे बगैर होगा नहीं राही
यकीन मानो कोशिशें लाख की तुम्हें भुलाने की पर
कैसे कहूँ कि इन अश्कों में तू नज़र आया होगा नहीं राही
बेश -बहा है बहुत ये मोहब्बत, ये नाता हमारा कि
तू अब अपना नहीं, तो पराया भी कभी होगा नहीं राही
इश्क़ के बखान में तो कई गजलें लिखी 'राही
पर इश्क़ का दर्द तो तुमने कभी लिखा होगा नहीं
@kataizaharila
👍 7❤ 3
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गुलाब से चेहरे पर गुलाल की लाली
जुल्फों के गुलाब ने जान ही ले डाली
दिल धड़क रहा है ये नज़ारा देख कर माही
शरमा कर उसने जो पलकें झुका डाली
@kataizaharila
❤ 10🔥 2👍 1
आ गई है होली.. अब तुम भी वापस.. आ जाओ न..
रंगों के त्योहार में.. साथ मेरे.. तुम भी मुस्कुराओ न..
सुरज की किरणें.. चमक रही हैं.. लाल गुलाबी होकर..
इन रंगबिरंगी फिज़ाओं में.. तुम भी खो जाओ न..
आ जाओ कि.. प्यार के रंगों से सजा लें.. हम अपनी भी जिंदगी..
रंगों के इस मौसम में.. झूमकर तुम भी.. सारे ग़म भुला दो न..
दोस्त बन कर.. गले लग जाते हैं.. आज के दिन तो दुश्मन भी..
भुल कर तुम भी.. सभी शिकवे शिकायतें..
फिर एक बार.. मेरे दिल से.. अपना दिल मिला लो न..
सुनो... आ गई है होली.. अब तो वापस आ जाओ न...!!
(Happy Holi in advance all of you 💕)
@kataizaharila
❤ 5👍 3
तुम किस्सा बन खत्म हो गए
मैं कहानी बन चलती रही
तुम बन दरख़्त स्थिर हो गए
मैं बन हवा बहती ही रही
तुम झील की तरह ठहरे रहे
मैं नदी की तरह बहती रही
तुम सूरज की तरह तपते रहे
मैं बन चांद शीतल ही रही
तुम निर्भाव सूखे से बने रहे
मैं बन बारिश बरसती ही रही
तुम भाव की तरह बदलते ही रहे
मैं प्यार की तरह बढ़ती ही रही
तुम शायद जिंदगी से आहत ही रहे
मैं जिंदगी में जिंदगी जीती रही
तुम बस पुरुष थे इसलिए निराकार रहे
मैं स्त्री बन एकाकार होती ही रही
तुम पूर्ण होकर भी अपूर्ण ही रहे
मैं तुम्हारे पीछे होकर भी पूर्ण ही रही
फिर तुम बन महादेव इष्ट हुए
मैं बन भस्म तुम पर चढ़ती ही रही
@kataizaharila
👍 10
वो रूह है मेरे जिस्म से जुदा हो नही सकता
वो बहता है मुझमें सांस सा के गुमशुदा हो नही सकता
हो तो सकता है उसके एक इशारे से मेरा फैसला
वो राय मेरे हक मे बक्शे ऐसा मेरा खुदा हो नही सकता
वो आशिक वो बेवफा वो शायर कमाल का है
मगर हर शायर हो आशिक और बेवफा हो नही सकता
वो लिखते लिखते ना जाने क्यों रो सा देता है
दर्द तो मुझे भी है उससे ज्यादा मगर हो नही सकता
ना जाने उसे कौन सा फर्ज निभाना था
ना जाने उसे कौन सा कर्ज चुकाना था
मेने कहा दो पल रुको मेरी बात तो सुनना
उसने बस इतना कहा के हो नही सकता हो नही सकता
❤️❤️❤️❤️
@kataizaharila
👍 2
इस नाज़ुक दिल को पत्थर बनाकर, एकाकी जीवन अपना लूंगा,
जो दे रही है ख्वाबों में भी ज़ख्म, उस मोहब्बत को दफना दूंगा..
@kataizaharila
❤ 7👍 3
बाद मुद्दत के तुम आए हों तो बैठो भी जरा
काम आँखों को मिला है कितनी बेकरारी के बाद
@kataizaharila
👍 9❤ 1
तुम्हारे सवालों के जवाब,
किसी सस्ते शराबखाने की मेज़ पर पड़े रहते हैं,
अधखाली गिलास की तरह—
जिसे कोई उठाना नहीं चाहता।
मैंने कोशिश की थी उन्हें पी जाने की,
मगर घूंट-घूंट में घुला था
एक उदास शहर का ज़हर।
अब सवाल भी थक चुके हैं,
और मैं भी।
बस रात का इंतज़ार है,
जहाँ अंधेरा कोई जवाब नहीं माँगता।
@kataizaharila
😢 5👍 3
