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बेनाम शायर💌✍️

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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है एक बार आदत पड़ गई तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ Interact @Nameless_Poet_bot @status_point @nature_is_calling

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2025 عام في الأرقامsnowflakes fon
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कागज़ों पे लिखकर जाया कर दूं मैं वो शख़्स नहीं हूं... मैं शायर हूं मुझे दिलों पे लिखने का हुनर आता है..!! 💕🛑🌹🛑💕 💕.•°``°•.¸.•°``°•.💕 💕 दिल से ✍ 💕 💕•.¸ 💗 ¸.• 💕 💕° •.¸¸.•° 💕 💕💕 @kataizaharila
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❤‍🔥 7👍 2
माना कि तुम नहीं लौट सकती, हाल-ए-दिल तो पूछ सकती हो..! कैसा हूँ, कहा हूँ, किसका हूँ, जिंदा हूँ, मर गया इतना तो पूछ सकती हो..! हाँ माना तुम अब किसी और के नसीब हो, जो अब तक रहा तुम्हारा उसकी खैरियत तो पूछ सकती हो..! पुरानी नजदीकियां का ख्याल कर, बिछड़े दिलबर का हाल-ए-दिल तो पूछ सकती हो..♥️🥀 @kataizaharila
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11👍 3
ज़िंदगी की कश्मकश में उलझकर, खिलखिलाना भूलने लगी है, थी जो तन्हाइयों में अभीक, अब समूह में भी सहमने लगी है। मोम की गुड़िया कहलाती थी, पत्थर की मूरत बनने लगी है, थी भावनाओं की जो तरंग, अब धीरे-धीरे थमने लगी है। #बाबा_बनारसी © @kataizaharila ©
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👍 9 2😢 2
"जो निभा दे साथ जितना, उस साथ का भी शुक्रिया., छोड़ दे जो बीच मे, उस हाथ का भी शुक्रिया"..! 💔😥 @kataizaharila
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💯 8👍 4
हम जैसे आम चेहरों को कौन पूछता है, यहां आवारगी की कीमत है सादगी की नहीं.. सारे शहर की हमदर्दियों का क्या करता, मुझे किसी की जरूरत थी हर किसी की नही...! @kataizaharila
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❤‍🔥 8👍 1 1
सुनो पड़ोसन तेरे माथे की ये बिंदिया चुरा लूँ क्या, मेरी ग़ज़ल में एक नुक़्ता रह गया है..❤️🥀 @kataizaharila
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इस से पहले की "यह देह मणिकर्णिका पर जलकर भस्म बन जाये... मेरी अस्थियां गंगा में विसर्जित कर दी जाएं..." ओ सखी !! "तुम लौट आना...मैं मरने से पहले एक बार ही सही पर तुम्हारी बाहों में जीना चाहता हूं!!" @kataizaharila
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हम जैसे आम चेहरों को कौन पूछता है, यहां आवारगी की कीमत है सादगी की नहीं.. सारे शहर की हमदर्दियों का क्या करता, मुझे किसी की जरूरत थी हर किसी की नही...! @kataizaharila
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दिल की किताब में, गुलाब उनका था.. रात की नींद में, ख्वाब उनका था.. कितना प्यार करते हो, जब हमने पूछा.. मर जायंगे तुम्हारे बिना, ये जबाब उनका था..!! @kataizaharila
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11👍 2
किसी किताब के अलग-अलग पन्नों पर लिखी हुई प्रेम कविताओं की तरह तुम और मैं दो अलग-अलग कवितायें है प्रेम की, अलग-अलग लिखे होने पर भी कविता में प्रेम का भाव एक सा रहा है... @kataizaharila
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👍 9🥰 2 1
निकलते निकलते निकल ही गया वो शख्स हाथ से, यकीं मानो मेरा तुम मैंने हाथ थामने में पूरी जान लगा दी थी.. @kataizaharila
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😢 7💔 5👍 2
इक आपके न देखने से मर गया हूं मैं ये देखकर भी आपको सदमा नहीं लगा...💔 @kataizaharila
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💔 17👍 1 1
पसंदीदा शख्स का मिल जाना उतना ही पवित्र हैं, जितना... एक मां बाप का प्यार और ईश्वर का आशीर्वाद.. ❤️☺️ @kataizaharila
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7👍 3
जानती हो पड़ोसन! अगर आज भी चलन होता चिट्ठियां लिखने का... तो मैं हर रोज तुम्हारे नाम एक चिट्ठी जरुर लिखता... और मुझे यकीन है तुम मेरी हर चिट्ठी को मोहब्बत के होठों से चूमकर खोलती... @kataizaharila
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👍 8 1
सुनो प्रिये.. मै तुम्हे प्रेम की उस धरा के प्रलय तक चाहूंगा जहाँ मिलन के पश्चात वियोग नही होता..❤️🥀 @kataizaharila
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🔥 9👍 3
प्रेम और उदासी एक दूसरे के पीछे भागते हैं... उदासी आपको प्रेम ढूंढने पर मज़बूर कर देती... और प्रेम आपको उदास कर के छोड़ देता है...😢💔 @kataizaharila
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💔 14👍 3
लिख लिया करता हूं वो बातें जो किसी से कह नहीं पाता हूं, बड़ा हल्का महसूस होता है, ख़ुद से खुद को ही बता कर ! @kataizaharila
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❤‍🔥 8🔥 1
Photo unavailableShow in Telegram
यूं ही कभी कभी उंगलियां व्हाट्स ऐप पर डीएक्टिवेट हो चुके एक नम्बर पे खटक जाती हैं, और फिर कुछ क्षण तक उन्ही पुराने कभी न डिलीट हो सकने वाले मैसेजों को ताकती आंखों में कुछ चलचित्र एक एक करके तब तक चलते रहते हैं..., जबतक कुछ कतरे उन लम्हों को धुंधला न कर दें । और फिर किसी एक मैसेज पर दो बार अंगूठा फेर कर उसे फिर कई दिनों के लिए बंद करके गुमनाम कर दिया जाता है, इस आशा में कि शायद कभी किसी रोज उन आखरी कुछ भेजे गए मैसेजों के नीचे एक काले की जगह दो नीले टिक नज़र आएंगे, और शायद आएगा एक जवाब उधर से भी #smile_please @kataizaharila
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❤‍🔥 9👍 2
वो: अगर मेरी शादी कहीं और हो गई तो तुम क्या करोगे? मैं: मैं तुझसे इश्क करता रहूंगा इसी मिसरे को दोहराता रहूंगा रहूंगा दूर तेरी दस तरस से पर इतना है नज़र आता रहूंगा @kataizaharila
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👍 8😁 2
किताबों की तरह बहुत से अल्फ़ाज़ हैं मुझमें.. किताबों की तरह बहुत ख़ामोश रहता हूँ मैं आज कल..!! @kataizaharila
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👍 4 1